अखिल विश्व गायत्री परिवार, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य (Pandit Shriram Sharma Acharya) द्वारा स्थापित हिन्दू सुधार आंदोलन है। आचार्य जी ने 1953 में गायत्री तपोभूमि(Gayatri Tapobhumi) की स्थापना मथुरा (Mathura) में की थी। इसका उद्देश्य मनुष्य में परमात्मा का उदय, स्वर्ग का पृथ्वी पर अवतरण, व्यक्तिगत विकास, पारिवारिक विकास, सामाजिक उत्थान, और एक राष्ट्र, एक भाषा, एक धर्म, एक सरकार का स्थापना है।
अश्वमेध यज्ञ
27 साल से हो रहे अश्वमेध यज्ञ का 47वां आयोजन 2024 के फरवरी में होने जा रहा है। यह यज्ञ विशाल धार्मिक और सामाजिक आयोजन है जिसमें 24 मिलियन मंत्र युक्त यज्ञ की आहुतियां दी जाएगी। यह यज्ञ भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है और मुंबई को सकारात्मक परिणाम पाने की उम्मीद है।
विभिन्न प्रकार के यज्ञ
- (Viz yajna)वीज यज्ञ- शांति और अंतरात्मा की शुद्धि के लिए।
- (Maha yajna)माह यज्ञ- समाज को सुधारने और शुद्धि के लिए।
- (Ashwamedha yajna)अश्वमेध यज्ञ- राष्ट्र के पुनर्निर्माण और विकास के लिए।
Spiritual transformation through Gayatri Sadhana
अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित अश्वमेध यज्ञ एक महत्वपूर्ण पहल है जो समृद्धि और उत्थान की ओर हमें ले जा रहा है। इस यज्ञ के माध्यम से हम समाज में शांति और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाते हैं और एक सशक्त राष्ट्र की दिशा में अग्रसर होते हैं। इस यज्ञ की महत्वपूर्ण भूमिका हमारे समाज के सुधार और समृद्धि में समर्थन करती है और हमें समृद्ध और समृद्ध भविष्य की ओर अग्रसर करती है।
गायत्री परिवार: 47वें अश्वमेध यज्ञ का आयोजन
गायत्री परिवार एक ऐसा संस्थान है जो ध्यान, प्रार्थना, और सेवा के माध्यम से समृद्ध और सकारात्मक समाज की दिशा में प्रयासरत है। यह एक गायत्री मंत्र आधारित संस्था है जो मानवता के उत्थान और समृद्धि के लिए कार्यरत है। गायत्री परिवार द्वारा आयोजित अश्वमेध यज्ञ इसी उद्देश्य की प्रतीक है।
गायत्री परिवार: सामाजिक सेवा का प्रशासन
गायत्री परिवार ने समाज के सेवा में अद्वितीय योगदान दिया है। उन्होंने ध्यान, सेवा, और धार्मिकता के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी में सकारात्मक परिवर्तन किया है। इस संस्था ने समृद्ध समाज की नींव रखी है और सम्पूर्ण मानवता के उत्थान के लिए कार्य किया है।