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लव कुश ने क्यों पकड़ा था श्री राम का अश्वमेध घोड़ा

रामायण की कई कहानियां हमें धार्मिक और मानवता के महत्वपूर्ण संदेश देते हैं। एक ऐसा ही प्रसंग है जिसमें लव और कुश ने श्री राम के घोड़े को पकड़ा।


इस कहानी में गहरा अर्थ और संदेश छिपा है।श्री राम ने अपने अवतार के समय मानवता के लिए अनगिनत उपदेश दिए। उन्होंने धर्म, सत्य, और न्याय के मार्ग को प्रदर्शित किया। उनके व्यवहार में न्याय और धर्म की परीक्षा होती रही।


लव और कुश, श्री राम और सीता के पुत्र थे। वे महाराजा दशरथ के आदर्श बेटे थे। लेकिन उन्होंने अपने पिता को कभी नहीं देखा था। उनकी माता सीता ने उन्हें अपने परम पिता के बारे में कई कथाएं सुनाई थीं, लेकिन उन्हें राम से पहचान नहीं थी।


हालाँकि लव कुश अपनी माता का असली जीवन परिचय नही जानते थे लेकिन उन्हें अपने कुल का पता था। वे क्षत्रिय कुल से आते थे व क्षत्रियों का धर्म होता है शत्रु की चुनौती को स्वीकार करना व धर्म, देश व समाज की रक्षा करना। जब उन्होंने भगवान श्रीराम के अश्वमेघ घोड़े को देखा तो उस पर चुनौती लिखी हुई थी कि यह घोड़ा श्रीराम के अश्वमेघ यज्ञ का है व यह जहाँ-जहाँ से भी गुजरेगा वहां का राज्य श्रीराम के अधीन माना जायेगा। यदि किसी ने इस घोड़े को रोकने की चेष्टा की तो उसे श्रीराम की सेना से युद्ध करना होगा।

अश्वमेघ घोड़े को दी थी चुनौती

ही क्षत्रिय लव व कुश को इस चुनौती में अहंकार की झलक दिखी व साथ धर्म के अनुसार उन्हें युद्ध की चुनौती को स्वीकार करना चाहिए था। हालाँकि उनके पास सेना नही थी लेकिन कुछ दिन पहले ही महर्षि वाल्मीकि (Maharishi Valmiki) ने उन्हें दैवीय अस्त्र प्रदान किये थे जो बहुत शक्तिशाली व दिव्य थे। इसी के बल पर उन्होंने श्रीराम की चुनौती को स्वीकार करते हुए यह घोड़ा पकड़ लिया।वाल्मीकि जी ने माता सीता के ऊपर अयोध्या की प्रजा के द्वारा किये गए अन्याय को विस्तारपूर्वक लव व कुश को बताया था।

(Ramayana Luv Kush Kand)

लव कुश के मन में इसी को लेकर भगवान श्रीराम के प्रति रोष था कि आखिर क्यों उन्होंने सब सत्य जानते हुए भी अयोध्या की प्रजा के सामने झुककर अन्याय का साथ दिया व माता सीता को वन में भेज दिया। वे ऐसे ही कुछ प्रश्न श्रीराम से पूछकर उनका उत्तर जानना चाहते थे। इसी आशा में की भगवान श्रीराम स्वयं अपने अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े को मुक्त करवाने उनके पास आयेंगे तो वे उनसे वही प्रश्न पूछेंगे, उन्होंने वह घोड़ा पकड़ लिया था। (Luv Kush caught Ashwamedha horse) तो लव-कुश के द्वारा श्रीराम के अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े को पकड़ने के पीछे यही दो मुख्य कारण थे जिसके माध्यम से वे अपने मन की जिज्ञासा को शांत करना चाहते थे।


इस कहानी में, लव और कुश ने सच्चाई के लिए अपनी माता सीता को पहचानने की कोशिश की, जो उन्हें अपने पिता के संदेश को सिखाते हैं। इसके अलावा, यह हमें यह भी दिखाता है कि मानवीय संबंधों का महत्व है और परिवार के साथ धार्मिक और सामाजिक दायित्वों का पालन करना चाहिए।इस रूप में, लव और कुश की कहानी हमें शिक्षा देती है कि जीवन में न्याय, धर्म और सच्चाई के प्रति समर्पण करना हमेशा महत्वपूर्ण होता है। यह हमें यह भी याद दिलाती है कि मानवीय रिश्तों को महत्व देना और परिवार के साथ धार्मिक मूल्यों का पालन करना हमारे जीवन को संतुष्टि और समृद्धि से भर देता है।